FASCINATION ABOUT वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

Fascination About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

Fascination About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

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इस साधना का कोई विधान नहीं है बल्कि इसे पूजा पाठ में शामिल किया जाता है.

शेरों का एक समूह देवी कामाख्या की पूजा कर रहा है।

ये एक महा मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना है जो स्वयं भगवान श्री विष्णु के मोहिनी अवतार से जुडी है.

धन और व्यापार: धन की समस्याओं और व्यापारिक मुद्दों के समाधान के लिए भी वशीकरण मंत्र का उपयोग किया जाता है। यदि आप व्यापार में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं या धन समस्याओं से पीड़ित हैं, तो आप वशीकरण मंत्र का उपयोग कर सकते हैं। यह आपको व्यापार में वृद्धि और आर्थिक संघर्षों से छुटकारा प्रदान करने में मदद कर सकता है।

ॐ भगवती भग भागदायिनी ‘देवदत्ती’ मम मोहय कुरु कुरु स्वाहा।

(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)

मेरी समझ में तो आपको दूसरी रीति पसन्द आवेगी। इसमें समय मी अधिक न लगेगा और अनुभव प्राप्त करने में किसी प्रकार की हानि की भी संभावना नहीं है। इस तरह ‘मंत्र विद्या’ में जो साधन आदि प्राचीन आचार्यों ने निश्चय करके अद्भुत रूप में विश्व के सामने प्रकट किये हैं। उनके अनुसार काम करने से हमें सहज ही में सफलता मिल सकती है।

माता अंजनी का हनुमान। मैं मनाऊं तू कहना मान। पूजा दें, सिन्दूर चढ़ाऊं ‘अमुक’ को रिझाऊं और उसको पाऊँ। यह टीका तेरी शान का। वह आवे, मैं जब लगाऊं। नहीं आवे तो राजा राम की दुहाई। मेरा काम कर नहीं आवे तो अंजनी की सेज पड़।

पुरुष मोहिनी मंत्र वशीकरण उन स्त्री के लिए है जिनके पति का आकर्षण अब नहीं रहा गया हो या फिर बाहरी चक्कर में चले गए हो.

इसे आप एक व्यक्ति, एक ग्रुप या समुदाय विशेष तक सिमित कर सकते है.

(ध्यान के लिए एक-एक शब्द को समझना जरूरी है, हालांकि इसका मंत्र संस्कृत में भी उपलब्ध है, लेकिन ध्यान पक्ष का मंत्र हिंदी में click here दिया गया है ताकि साधक को अर्थ समझने में कोई बाधा न आए।)

इनके निरंतर प्रयोग से आपके अन्दर का तेज और आकर्षण इतना बढ़ जाता है की आप खुद हैरान रह जायेंगे.

इस पुस्तक में आठ सिद्धियां दी गई हैं जिनको कि विधिपूर्वक करने से मनुष्य अवश्य सफल होता है। वह सिद्धियां इस प्रकार हैं। (१) वशीकरण विद्या (२) आकर्षण विद्या (३) अष्टसिद्धि (४) कायाकल्प विद्या (५) यक्षणी साधन (६) भूत विद्या (७) ओझा विद्या (८) यन्त्र, मन्त्र और तन्त्र विद्या । वह विद्या ऐसी हैं यदि विधिपूर्वक की जायं तो पूरा २ अब भी असर करती हैं। लेकिन सिद्धि कार्य कर्त्ता पर निर्भर है।

विधि: किसी भी सोमवार को, चार लौंग को पान के पत्ते में लपेटकर अपने मुँह में रखें। इसके बाद, किसी नदी या सरोवर में स्नान करते हुए डुबकी लगाएँ। डुबकी के दौरान, इस मंत्र का इक्कीस बार जाप करें। फिर पानी से बाहर निकलकर मुँह में रखी हुई लौंग को निकालें और उसे धूप दिखाएं। यह लौंग जिसे भी खिला दी जाएगी, वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।

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